Author: Eeshan Pandey

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Posted in Delhi University HINDI Politics

डूटा में शिक्षकों को RTI और अन्य क़ानूनी मदद देने के लिए एक सेल बनाने की आवश्यकता

सामान्य तौर पर कई नीतिगत मुद्दों के विरोध में दस हज़ार शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाली डूटा जब सरकार को सौ, दो-सौ शिक्षकों की उपस्थिति दिखा पाती है तो अपने साथ साथ सारे शिक्षकों को एक हास्यास्पद स्थिति में डाल देती है। इससे डूटा के पदाधिकारियों का सिर्फ राजनितिक एजेंडा सिद्ध होता है और कुछ नहीं। इससे अलग हटकर ऑनलाइन पेटिशन, प्रभावशाली ट्विटर ट्रेंडिंग और सोशल मीडिया के उपयोग से हज़ारों की संख्या में पीड़ितों के हस्ताक्षर किसी भी समय में सौ – दो सौ लोगों की मामूली भीड़ से कहीं ज़्यादा प्रभाव डालने में समर्थ हो सकता है। वैसे ही एक निश्चित समय में कॉलेज के कार्यकाल के बाहर पांच हज़ार शिक्षकों के समूह को एकत्रित करना, हफ्ते भर से चल रहे शिक्षक हड़ताल से ज़्यादा प्रभाव डाल सकता है।